Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
डीवीसी के अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश से माईथन और पंछेत बैराज में जलस्तर काफी बढ़ गया था, जिसके चलते सोमवार शाम से ही पानी छोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी।
कोलकाता । पश्चिम बंगाल के कई इलाके पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण बाढ़ की चपेट में हैं। बांकुरा, पुरुलिया, और बीरभूम के कई हिस्से पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं। इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आपत्तियों को नजरअंदाज करते हुए, मंगलवार को दामोदर वैली कॉर्पोरेशन (डीवीसी) ने एक बार फिर माईथन और पंछेत जलाशयों से लगभग डेढ़ लाख क्यूसेक पानी छोड़ा। इस कारण दुर्गापुर, आसनसोल और पश्चिम मेदिनीपुर के कई हिस्सों में स्थिति और गंभीर हो गई है।
डीवीसी के अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश से माईथन और पंछेत बैराज में जलस्तर काफी बढ़ गया था, जिसके चलते सोमवार शाम से ही पानी छोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। हालांकि, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से फोन पर बात कर बंगाल में पानी छोड़ने से पहले राज्य सरकार को सूचित करने की अपील की थी।
ममता बनर्जी का कहना था कि डीवीसी द्वारा बिना जानकारी के पानी छोड़े जाने से बंगाल में बाढ़ की स्थिति और बिगड़ रही है, लेकिन उनकी आपत्तियों के बावजूद मंगलवार सुबह तक करीब 70 हजार क्यूसेक नया पानी छोड़ दिया गया, जिससे कुल मिलाकर अब तक करीब डेढ़ लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है।
माईथन से लगभग एक लाख और पंछेत से करीब 49 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने का निर्णय लिया गया है, जो सीधे पश्चिम बर्धमान के दामोदर बैराज में पहुंच कर जल दबाव बढ़ा रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि दुर्गापुर बैराज से अधिक मात्रा में पानी छोड़ा जाता है, तो दक्षिण बंगाल के कई इलाके, विशेष रूप से बर्धमान, हावड़ा और हुगली जिलों के खानाकुल और आरामबाग क्षेत्र जलमग्न हो सकते हैं। वर्तमान में भी कई इलाके पानी के नीचे हैं, और मंगलवार की सुबह से बारिश रुकने के बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं दिख रहा है।